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कपास में गुलाबी सूँडी कीट के लक्षण एवं नियंत्रण!
➡️गुलाबी सुंडी की प्रजनन क्षमता काफी तेज है। एक खेत से दूसरे खेत में गुलाबी सुंडी फैलने में बहुत कम समय लेती है और फूल से टिंडे में चली जाती है। टिंडे के अंदर बिनौले का रस चूसती है। जिससे कपास की क्वालिटी व उत्पादन प्रभावित होता है।
👉🏻जानें क्या होती है गुलाबी सुंडी और उसके लक्षण :-
➡️गुलाबी सुंडी एक कीट होता है। इसका एक वैज्ञानिक नाम पेक्टिनोफोरा गोंसीपीला है। ये अपने जीवनकाल के दौरान अलग-अलग प्रकार के चार अवस्थाओं से गुजरता है। सामान्य रूप से फल में कलियां व फूल आने के बाद ही इस कीट का उपद्रव शुरू होता है। कई बार कीडग्रस्त फूलों की पंखुड़ियां आपस में मिल जाती है। यह दूर से देखने पर गुलाब की पंखुड़ी की तरह ही दिखाई देती है। अंडे में निकली छोटी- छोटी सुंडियां फूल व छोटे बोल्स में सूक्ष्म छिद्र बनाकर उनके अंदर आसानी से प्रवेश कर जाती है। इससे फूल व टिंडे गिर जाते है। इससे फसलों को सीधा नुकसान भी होता है।
👉🏻उपचार :-
● कपास की जो अगेती कपास की फसल है, उसमें लगे टिंडे और फूल को तोड़कर दबा दें। क्योंकि इसमें सुंडी पनपेगी।
● अगस्त के महीने में निगरानी हेतु फेरोमेन ट्रैप लगायें।
● प्रारंभ में सुंडी से ग्रसित पुष्प और टिंडे को हाथ से तोड़कर नष्ट करे।
● उसके बाद नियंत्रण के लिए हेलिओक्स, ट्रेसर और कोराजन इन में से दवाईयों का छिड़काव करे।
● गुलाबी इल्ली के जीवन चक्र को रोकने के लिए फसल के चक्रीकरण का अनुसरण करे।
● आवश्यकता के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर के महीने में परजीवी किट ट्राइकोग्रामा बेक्ट्री ६०००० प्रति एकड़ की दर से
● फसल में एक हफ्ते के अंतराल में तीन बार छोडे।
स्त्रोत:- Agrostar,
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