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उर्वरक सब्सिडी के लिए 23,000 करोड़ रुपये मांगे
कृषि वार्ताआउटलुक एग्रीकल्चर
उर्वरक सब्सिडी के लिए 23,000 करोड़ रुपये मांगे
उर्वरक मंत्रालय ने जनवरी-मार्च की तिमाही में उर्वरक सब्सिडी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय से 23,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की है। उर्वरक मंत्रालय के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि दिसंबर में उर्वरक कंपनियों को 23,283 करोड़ रुपये की सब्सिडी का भुगतान किया गया था और मंत्रालय के पास बजटीय आवंटन के लगभग 13,056 करोड़ रुपये बच गए थे। अब हमने मौजूदा तिमाही के लिए सब्सिडी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 23,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट मांगा है। सरकार ने बजट आवंटन से उर्वरक कंपनियों को नियमित आधार पर सब्सिडी का भुगतान किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने उर्वरक सब्सिडी के भुगतान के लिए 73,439.85 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया था।
जबकि सरकार दिसंबर तक उर्वरक कंपनियों को 60,383.79 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। उर्वरकों पर किसानों को सीधे सब्सिडी नहीं जारी की जा रही है, बल्कि यह उर्वरक कंपनियों को दी जाती है। उर्वरक मंत्रालय डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के माध्यम से सब्सिडी दे रहा है, जो एलपीजी पर लागू पारंपरिक डीबीटी से अलग है। उर्वरक डीबीटी प्रणाली के तहत किसानों/लाभार्थियों को रियायती मूल्य पर खाद उपलब्ध कराया जाता है और खुदरा विक्रेताओं द्वारा की गई वास्तविक बिक्री के आधार पर लाभार्थियों के बजाय कंपनियों को सब्सिडी जारी की जाती है। लाभार्थियों की पहचान आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड तथा मतदाता पहचान पत्र के माध्यम से की जाती है। स्रोत – आउटलुक एग्रीकल्चर, 15 जनवरी 2019
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