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उर्वरक खरीदते समय सतर्क रहें किसान, पहचानें कौन-सा उर्वरक असली या नकली!
सलाहकार लेखराजस्थान पत्रिका
उर्वरक खरीदते समय सतर्क रहें किसान, पहचानें कौन-सा उर्वरक असली या नकली!
👉🏻 कुछ दुकानदार कृषि विभाग के अधिकारियों की नजर बचाकर नकली उर्वरक बेच देते हैं 👉🏻 नागौर. बारिश का मौसम सामने है और किसान खरीफ की बुआई करने के लिए खेतों को तैयार करने में जुटे हुए हैं। खरीफ की उपज को बढ़ाने के लिए किसान उर्वरकों का उपयोग भी करते हैं। जिले में हर वर्ष खरीफ की बुआई करीब 12 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में होती है, जिसके चलते उर्वरकों का उपयोग भी बड़ी मात्रा में होता है, जिसका फायदा उठाकर कुछ दुकानदार कृषि विभाग के अधिकारियों की नजर बचाकर नकली उर्वरक बेच देते हैं, जिसका सीधा नुकसान किसान एवं फसल को होता है। इसी को लेकर कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक रहकर असली व नकली उर्वरक की पहचान करके खरीद करने का आह्वान किया है। 👉🏻 कृषि विभाग के कृषि अधिकारी (पौध संरक्षण) एवं खाद, बीज, कीटनाशी निरीक्षक शंकरराम सियाग ने बताया कि किसान उर्वरक एवं बीज खरीदते समय कुछ सामान्य जानकारी रखकर बाजार में मिलने वाले नकली उर्वरकों की पहचान करके षड्यंत्र के शिकार होने से बच सकते हैं, क्योंकि नकली बीज एवं उर्वरक न केवल उत्पादन को प्रभावित करते हैं, बल्कि किसान को आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए बाजार में मिलने वाले मुख्य उर्वरक जैसे यूरिया, डीएपी, एसएसपी, पोटाश एवं जिंक सल्फेट आदि की असली है या नकली की पहचान निम्न तरीकों को अपनाकर होने वाले नुकसान से बच सकते हैं - 👉🏻 यूरिया - यूरिया के सफेद गोल आकार के एक जैसे दाने होते हैं, इसकी पहचान के लिए यूरिया के कुछ दानों को एक पानी के गिलास में डालकर उसके हिलाने पर संपूर्ण यूरिया पानी में घुल जाता है। पानी को छूने पर ठंडा महसूस हो तो यूरिया असली है। 👉🏻 डीएपी - डीएपी के दाने कंकर की तरह अनियमित आकार लिए होते हैं, इसकी पहचान के लिए डीएपी के दानों को हथेली में रखकर तंबाकू की तरह इसमें चूना मिलाकर रगड़ते है तो रगडऩे पर तेज गंध का एहसास होता है, तो डीएपी असली है। दूसरा, तरीका यह है कि डीएपी के कुछ दानों को गरम तवे पर रखकर गर्म करने पर देखेंगे कि असली डीएपी के दाने फूल जाते हैं और नकली डीएपी के दाने फूलते नहीं हैं। 👉🏻 पोटाश - असली पोटास सफेद नमक एवं लाल मिर्च जैसा होता है, असली पोटाश के दाने नमी होने पर या उसमें पानी मिलाने पर आपस में चिपकते नहीं हैं तो पोटाश असली है। इसका दूसरा तरीका यह है कि पोटाश में पानी मिलाने पर इसमें उपस्थित लाल दाने पानी की ऊपरी सतह पर तैरने लगते हैं तो समझना चाहिए कि पोटाश असली है अन्यथा यह नकली हो सकता है। जिंक सल्फेट - जिंक सल्फेट हल्का सफेद या पीले भूरे रंग का होता है, इसकी पहचान के लिए डीएपी के घोल में जिंक सल्फेट मिलाने पर थकेदार घना अवशेष बन जाए तो पोटाश असली है, अगर ऐसा नहीं होता है तो पोटाश में मिलावट है। 👉🏻 इस प्रकार किसान नकली-असली उर्वरकों की पहचान संबंधी सामान्य जानकारी रख उर्वरक खरीदते समय होने वाले नुकसान से अपना बचाव कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए किसान नागौर कृषि विभाग के कृषि अधिकारी (पौध संरक्षण) शंकरराम सियाग के मोबाइल नंबर 9772357131 पर संपर्क कर सकते हैं। बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान 👉🏻 सभी किसान बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक अधिकृत विक्रेता से ही खरीदें। 👉🏻 किसान कृषि आदान संबंधित किसी भी प्रकार का बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक ऑनलाइन नहीं मंगा कर ऑनलाइन होने वाली संभावित ठगी से बचें। 👉🏻 किसी भी प्रकार का कृषि आदान खरीदते समय अधिकृत विक्रेता से बिल अवश्य प्राप्त करें। 👉🏻 कृषि आदानों का उपयोग करते समय इसकी निर्धारित मात्रा एवं सही आदान का ही प्रयोग करें, ताकि होने वाले अपव्यय से बचा जा सके। 👉🏻 खेती तथा खेती सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए कृषि ज्ञान को फॉलो करें। फॉलो करने के लिए अभी ulink://android.agrostar.in/publicProfile?userId=558020 क्लिक करें। स्रोत:- Patrika, 👉🏻 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍🏻 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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