AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
ईसबगोल की फसल में सिंचाई प्रबंधन!
एग्री डॉक्टर सलाहएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
ईसबगोल की फसल में सिंचाई प्रबंधन!
अच्छे अंकुरण के लिए बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई धीमी गति से करें। अंकुरण कमज़ोर होने पर दूसरी सिंचाई 5-6 दिन बाद करें। इसके बाद प्रथम सिंचाई 30 दिन बाद एवं दूसरी सिंचाई 70 दिन बाद करें। फूल एवं दाना भरने की अवस्था पर सिंचाई न करें। इनमें दो से ज्यादा सिंचाई देने पर रोगों का प्रकोप बढ जाता हैं तथा उपज में कमी आ जाती हैं। पुश्पक्रम / बाली आने के बाद स्प्रिकंलर से सिचाई ना करें। भारी मिट्टी के मुकाबले हल्की मिट्टी को ज्यादा संख्या में सिंचाई की आवश्यकता होती है। मिट्टी की किस्म, जलवायु के आधार पर ईसबगोल फसल को सिंचाइयों की आवश्यकता होती है। बिजाई के तुरंत बाद, हल्की सिंचाई करें। इससे बीजों का अंकुरण जल्दी होगा। यदि अंकुरण ठीका ना हो तो एक ओर सिंचाई करें। दूसरी और तीसरी सिंचाई बिजाई के 30वें और 70वें दिन करें। डंडियां बनने के समय सिंचाई के लिए महत्तवपूर्ण होता है। शुष्क क्षेत्र मे सिंचाई का अधिक महत्व रहता है, इसलिए पहली सिंचाई बीज की बुआई के बाद हल्की सिंचाई करे| दुसरी सिंचाई बुआई के एक सप्ताह बाद करें। इसके अलावा शुष्क क्षेत्र मे मौसम के हिसाब से दस दिन पर सिंचाई करते रहें। हर सिंचाई के बाद हल्की निराई-गुडाई करने से रोग एव कीटो का प्रकोप कम हो जाता है। 👉🏻 खेती तथा खेती सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए कृषि ज्ञान को फॉलो करें। फॉलो करने के लिए अभी ulink://android.agrostar.in/publicProfile?userId=558020 क्लिक करें।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, यदि आपको आज के सुझाव में दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक करें और अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद।
21
4