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इस तरह करें ट्रैक्टर का उपयोग, सालाना बचेगा 1 लाख तक का डीजल!
सलाहकार लेखAgrostar
इस तरह करें ट्रैक्टर का उपयोग, सालाना बचेगा 1 लाख तक का डीजल!
बरसात का मौसम आने वाला है, ऐसे में खेतों की जुताई में ट्रैक्टर पर अधिक दबाव पड़ता है। यही कारण है कि डीजल की खपत बढ़ जाती है। वैसे भी आज के समय में तेल के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं, ऐसे में बचत के उपाय करना जरूरी हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिसके माध्यम से आप डीजल पर खर्च होने वाले व्यय को 25 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। ट्रैक्टर और मोटर पार्ट्स की सही देखभाल विशेषज्ञों का मानना है कि अगर गाड़ी की सही देखभाल, साफ-सफाई एवं सर्विस समय-समय पर हो, तो इससे उसकी कार्य क्षमता बढ़ती है। ट्रैक्टर की सही देखरेख इंजन पर पड़ने वाले भार को कम करता है, जिससे डीजल की खपत कम होती है। लिकेज को करें दूर आम तौर पर ट्रैक्टरों में एक समय के बाद लिकेज की समस्या शुरू हो जाती है, वैसे लीकेज की समस्या नए ट्रैक्टरों में भी हो सकती है। अक्सर किसान भाई इसे छोटी सी बात समझकर, इस तरफ ध्यान नहीं देते। जबकि विशेषज्ञों के मुताबिक प्रति सेकेण्ड अगर एक बूंद की भी लिकेज हो, तो आपको वर्ष में 1 लाख रूपए से अधिक का नुकसान हो सकता है। चक्कों पर ध्यान दें डीजल की खपत में सबसे बड़ा योगदान गाड़ी के चक्कों का होता है। चक्कों पर अतिरिक्त भार न डालें। काम के समाप्त होने पर खड़े ट्रैक्टर पर से वजन हटा दें। समय-समय पर टायरों में हवा की मात्रा की जांच करें। खेती के काम के लिए अलग तरह के टायर आते हैं, जबकि बोझा उठाने के लिए अलग टायरों का निर्माण किया गया है। इसी तरह कंकड-पत्थर या गिट्टी, रेत आदि कार्यों के लिए ट्रैक्टर का उपयोग कर रहे हैं, तो उसके लिए अलग-तरह के टायर बनाए गए हैं। उपयोग में न होने पर इंजन को करें बंद आम तौर पर उपयोग में न होने पर भी किसान भाई इंजन को चालू रखते हैं, ऐसे में फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम और एयर फिल्टर आदि को नुकसान होता है और डीजल की खपत बढ़ती है।
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