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इल्ली से ना हो परेशान तुरन्त करें ये समाधान!
गुरु ज्ञानAgrostar
इल्ली से ना हो परेशान तुरन्त करें ये समाधान!
👉यह चने की फसल का प्रमुख कीट है और कई राज्यों में चने की फसल को 20-30 प्रतिशत तक की हानि पहुँचाता है। 👉इस कीट का प्रकोप पत्तियों व पुष्पों की अपेक्षा फलियों पर अधिक होता है। हरे रंग की लटें 1.25 इंच लम्बी होती है, जो बाद में भूरे रंग की हो जाती है। इस कीट की छोटी इल्ली फसल की कोमल पत्तियों को खुरच-खुरच कर खाती है व बड़ी इल्ली चना फलियों में गोलाकार छिद्र बनाकर मुँह अंदर घुसाकर दाने खा जाती है। इसकी एक इल्ली अपने जीवन काल में 30 से 35 दाने खा सकती है। 👉चने की फसल में इल्लियों का प्रकोप दिखाई देने पर एग्रोस्टार का अमेज एक्स (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी) का प्रयोग 88 ग्राम /एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें। 👉चने में इल्लियों का अधिक प्रकोप होने पर एग्रोस्टार के रैपीजेन (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी) का प्रयोग 60 एमएल /एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर अपनी चने की फसल में उपयोग करें। 👉अमेज एक्स का प्रयोग: भिंडी में छेदक, बैंगन में तना छेदक, गोभी में डायमंड बैक मॉथ, मिर्च में फल छेदक, थ्रिप्स, मकड़ी, चने में फली छेदक, अंगूर, चाय में लूपर आदि के लिए प्रभावी है। 👉रैपीजेन का प्रयोग: धान में तना छेदक, पत्ती मोड़क, गोभी में डायमंडबैक मोथ, कपास में अमेरिकन बॉलवर्म, चित्तीदार बॉलवॉर्म, तंबाकू की इल्ली गन्ना में दीमक, अगेती तना छेदक , शीर्ष बेधक, टमाटर में फल छेदक, मिर्च में फल छेदक, तम्बाकू की सुंडी आदि के लिए प्रभावी है। 🌱स्त्रोत:- AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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