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इन संयंत्रों पर 75% तक अनुदान!
👉🏻देश के कई राज्य इन दिनों गिरते हुए भूजल स्तर से चिंतित हैं. फसल उत्पादन पर इसका खासा असर पड़ रहा है. इस बीच, फसलों की सिंचाई को लेकर नए-नए विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं. उद्धान विभाग द्वारा ड्रिप, मिनी फव्वारा एवं फव्वारा सिंचाई तकनीकी को बढ़ावा दिया जा रहा है. राजस्थान सरकार सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापित करने पर लघु / सीमांत / महिला / एसटी / एससी कृषकों 75% तक अनुदान उपलब्ध करवा रहा है. वहीं, अन्य किसानों को 70 प्रतिशत तक अनुदान देय है।
👉🏻सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र कम पानी मे अधिक क्षेत्रफल में सिंचाई कर सकते हैं. इससे उत्पादन के साथ साथ गुणवत्ता में सुधार होता है. साथ ही में उबड़ - खाबड़ एवं ढलान वाली भूमि में भी आसानी से सिंचाई की जा सकती है. इसके अलावा उर्वरकों पर आने वाली लागत में कमी आती है. खरपतवार कम उगते है. फसल की उत्पादन लागत में भी कमी आती है और मुनाफा बंपर होता है।
> ड्रिप सिंचाई संयंत्र: सामान्य अंतराल पर बोई गई फसल जैसे मसाले बगीचों एवं सब्जियों में इससे 70% तक पानी की बचत के साथ उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
> मिनी स्प्रिंकलर: गाजर, मूंगफली, गेहूँ, लहसुन एवं प्याज जैसी फसलो में 10 x 10 या 8 x 8 मीटर पर इसे लगाकर 50% तक पानी की बचत की जा सकती है।
> फव्वारा संयंत्र : इसका उपयोग दलहन, चारा एवं खाद्यान्न फसलो में किया जाता है इससे 35% से 40% तक पानी की बचत हो जाती है।
ये किसान होंगे पात्र -
👉🏻जिन किसानों के पास खुद की भूमि है या वह लीज पर जमीन लेकर खेती कर रहे हैं वे इस योजना के पात्र हो.यदि कुंआ है और उसका स्वामित्तव दो लोगों के पास है तो वे भी इसका लाभ उठा सकेंगे.जिन किसानों के पास स्वयं का जलस्त्रोत (कुंआ / ट्यूबेल ) नही है वे पड़ोसी से अनुमति पत्र साइन करा इस योजना का लाभ ले सकेंगे. बता दें किसानों द्वारा उधान विभाग में पंजीकृत निर्माताओं के BSI मार्क संयंत्र क्रय करने पर भी अनुदान देय है।
इन दस्तावेजों का होना जरूरी -N
> आवेदन पत्र के साथ कृषक की प्रमाणित पासपोर्ट साइज फोटो।
> आधार कार्ड एवं भामाशाह कार्ड नम्बर।
> भूमि की जमाबन्दी।
> बिजली बिल / पम्पसेट क्रय बिल / प्रोफार्मा इनवॉइस।
> संयंत्र स्थापित होने पर पंजीकृत निर्माता द्वारा जारी संयंत्र बिल।
> अनुदान का भुगतान कृषक सहमति से निर्माता को करने के लिए कृषक हिस्सा राशि निर्माता को जमा करने की राशिद मृदा एवं जल परीक्षण रिपोर्ट एवं डिजाइन।
>कम से कम 5 वर्ष तक वो संयंत्र को बेचेगा / दान / उदार / खुर्द - बुर्द नही करेगा इसका शपथपत्र।
क्या है अनुदान की प्रक्रिया -
👉🏻किसान आवश्यक दस्तावेज ई मित्र के माध्यम से राज किसान पर ऑनलाइन अपडेट करने होंगे. जांच-परख के बाद प्रशासन द्वारा आवेदन को स्वीकृति प्रदान की जाएगी. इसके बाद किसानों के खाते में सीधे अनुदान राशि जमा कर दी जाएगी।
स्त्रोत:-AgroStar
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