कृषि वार्ताएग्रोवन
आलू में की ग्लूकोज की मात्रा मापने के लिए एक आसान तरीका विकसित
केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई), शिमला ने तुरंत आलू में ग्लूकोज की मात्रा की जांच करने के लिए एक सरल और आसान तरीका विकसित किया है।
इससे किसान अपने आलू में ग्लूकोज की मात्रा घर पर ही माप कर सकेंगे ।
प्रसंस्करण उद्योग के लिए किसानों ने आलू का उत्पादन करने के लिए यह बात बहुत उपयोगी होगा।
डीप स्टिक पद्धति
• केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई), शिमला ने आलू में ग्लूकोज की मात्रा जांचने के लिए डिप स्टिक विकसित की है ।
• अगर आप आलू काट के उसमे स्ट्रिप्स को 5 मिनट के लिए डालते हैं, तो आलू में जो भी हिस्सा होता है उस पर आलू में से ग्लूकोज पर क्रिया होकर विशेष रंग आती है
• आलू में ग्लूकोज की मात्रा निर्धारित करने के लिए रंग निरीक्षण चार्ट इसके साथ दिया गया है। यह आलू में ग्लूकोज की सही मात्रा दर्शाता है।
• चुने हुए 2 से 5 आलू आधे भाग तक काटे जाते हैं। इस कटे हए भाग में, 5-10 सेकंड के लिए डिप स्टिक रखी जाती है। इस अवधि के दौरान, डिप स्टिक आलू से पर्याप्त रस को अवशोषित करती है।
• उसके बाद डीप स्टिक आलू से बाहर निकालकर 5 मिनट के लिए रखी जाती है। इस अवधि में आलू के रस का की डिप्स्टिक पर रासायनिक प्रतिक्रिया होती है (जहाँ तक यह आलू में डूबी हुइ रहती है) और इसका रंग बदल जाता है।
• ग्लूकोज की मात्रा को इसके साथ दिए गए रंग निरीक्षण चार्ट से मिलान करके जाना जा सकता है।
डीप स्टिक के लक्षण
• बहुत संवेदनशील:
यदि आलू में ग्लूकोज का बहुत कम प्रतिशत यानी 50 पीपीएम है, तब भी इसका डीप स्टिक का उपयोग करके पता लगाया जा सकता है। अगर आलू में ग्लूकोज प्रतिशत 1000 पीपीएम से कम है, तो यह प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त माना जाता है।
• संभालना आसान यह विधि बहुत आसान है और यहां तक कि अशिक्षित किसान इसे आसानी से उपयोग कर सकते हैं।
• केवल 5 मिनट में ग्लूकोज का परीक्षण किया जाता है।
• डीप स्टिक दो साल तक रहती है।
• सभी किस्मों, सभी भंडारण विधियों और आलू कंद के विकास के सभी चरणों के ग्लूकोज परीक्षण के लिए उपयोगी।
संदर्भ- एग्रोवन 12 दिसम्बर 17