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आलू में कंद को सड़ने से कैसे बचाएं?
गुरु ज्ञानAgrostar
आलू में कंद को सड़ने से कैसे बचाएं?
👉आलू हमारी प्रमुख सब्जी वाली फसल है। आज हम आलू की फसल में लगने वाले कंद सड़न या सॉफ्ट रॉट के बारे में बात करेंगें। फसल में इस रोग का संक्रमण होने पर आलू के कंद सड़ने लगते हैं। आलू में यह समस्या अव्यक्त संक्रमण के रूप में होती है अर्थात सॉफ्ट रॉट या नरम सड़ांध पैदा करने वाले बैक्टीरिया आलू के पौधों और कंद दोनों में बिना किसी स्पष्ट लक्षण के रह सकते हैं। आलू के प्राकृतिक प्रतिरोध को नुकसान पहुंचने पर नरम सड़न पैदा करने वाले बैक्टीरिया के लक्षण स्पष्ट हो जाते हैं। 👉इस रोग फैलने का मुख्य कारण आलू के घाव या क्षति से है। ये आमतौर पर खेत की निराई-गुड़ाई और मिटटी चढाने के दौरान पौधे या कंदों में लगे घाव के कारण होता है। जिससे बैक्टीरिया कंद पर आक्रमण कर सकते हैं। 👉कंद सड़न 16 ° C से 35 ° C के बीच अधिक हो सकता है। उच्च तापमान इसके लिए आदर्श स्थिति पैदा करते हैं क्योंकि कंद में ऑक्सीजन तेजी से कार्बन डाइऑक्साइड के उच्च स्तर से बदल जाता है, जिससे कंद पर जोर पड़ता है। इससे नरम सड़न संक्रमण होगा। धूप के संपर्क में आने से भी कंद कोशिकाओं को मारकर मुलायम सड़ांध पैदा करता है। 👉इससे बचाव के लिए निराई-गुड़ाई तथा मिटटी चढ़ाते समय सावधानी रखें जिससे पौधों या कंदों में घाव न बनने पाए। 👉निराई-गुड़ाई के तुरंत बाद सिंचाई न करें। 👉बुवाई के समय रोगरहित स्वस्थ कंदों का ही प्रयोग करें। 👉रोगग्रस्त पौधों तथा कंदों को खेत से बहार निकालकर नष्ट कर दें। 👉स्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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