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आम में तैला का प्रबंधन
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आम में तैला का प्रबंधन
आम के पेड़ में बौर लगने के समय छोटे कीट (nymphal) और बड़े कीटों (adults) की संख्या में भारी मात्रा में बढ़ोत्तरी होती है। यह तेजी से फूलों और कोमल पत्तियों का रस चूसते हैं, जिससे फूलों और कोमल पत्तियों पर काली परत चढ़ जाती है। इससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। इन कीटों की वृद्धि के लिए आर्द्र मौसम उपयुक्त होता है। सरदार, हापूस, लंगड़ा जैसे आमों की किस्में इन कीड़ों के प्रति सहनशील हैं। प्रबंधन - • समय-समय पर पेड़ों की छंटाई करें। • बगीचे से पानी की उचित निकासी की व्यवस्था करें। • ड्रिप सिंचाई के माध्यम से पानी दें। • क्विनॉलफॉस 25 EC 20 मिली @ 10 लीटर पानी का छिड़काव पेड़ के तना और शाखाओं पर अक्टूबर-नवंबर महीन में करना चाहिए।
• कवक आधारित कीटनाशक बेवरिया बेसिलिया या वर्टिसिलियम लेकानी 40 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।_x000D_ • नीम आधारित कीटनाशक @ 10 मिली (1%) से 40 मिली (0.15 EC) प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।_x000D_ • डेल्टामेथ्रीन 2.8 EC @ 5 मिली या लैंबडा सायलोथ्रिन 5 EC @ 10 मिली या थायोमेथोक्जॉम 25 WG @ 8 ग्राम या इमाडाक्लोप्रिड 17.8 SL@ 5 ग्राम 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। डॉ. टी.एम. भरपोडा, एंटोमोलॉजी के पूर्व प्रोफेसर, बी ए कालेज ऑफ एग्रीकल्चर, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद- 388 110 (गुजरात भारत)
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