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अब होगा नामुमकिन भी मुमकिन!
🧅प्याज एक ऐसी फसल है जो बहुत जल्दी खराब हो जाती है. ये एक बड़ी समस्या है, जिसका सामना किसानों के साथ-साथ सरकार भी करती है. हर साल प्याज का स्टॉक खराब होने से सरकार को करोडों का नुक्सान होता है. एक शोध के अनुसार, प्याज की कम से कम 30 प्रतिशत फसल रखरखाव के दौरान ही खराब हो जाती है, चाहे जितना मर्जी भंडारण क्यों न हो. हाल ही के समय में प्याज की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया था, जब कीमतें 200 रुपये प्रति किलों तक पहुंच गई थी. उस दौरान सरकार ने अपना बफर स्टॉक बेचकर कीमतों पर कंट्रोल पाया था. हालांकि, इस दौरान 30 प्रतिशत बफर स्टॉक खराब भी हो गया था. यही वजह है की प्याज की बर्बादी रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है और कई कदम उठा रही है.
🧅सरकार प्याज का पाउडर बनाने और इसका इररेडिएशनसे ट्रीटमेंट करके उसकी लाइफ बढ़ाना चाहती है. यह ट्रीटमेंट प्याज को अंकुर बनने से रोक देता है, जिससे उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है. इसी कड़ी मे सरकार र्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से इसकी बर्बादी रोकना पर काम कर रही है. सरकार को उम्मीद है कि इस प्रयास से उन्हें करोड़ों रुपयों की बचत होगी. इसी समस्या को हल करने के लिए सरकार अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लेगी.
🧅कैसे होगा AI का इस्तेमाल?
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से डेटा एकत्रित किया जाएगा. कंप्यूटरीकृत बुद्धिमत्ता तकनीक के द्वारा सेंसर के माध्यम से प्याज के सड़ना और सूखने के आंकड़ों की जानकारी प्राप्त होगी. इसके अलावा, यह भी मालूम होगा कि 100 के बैच में कौन सा प्याज सही है और कौन सा खराब हो रहा है. इसके माध्यम से दूसरे प्याज को बिगड़ने से बचाया जा सकेगा. यदि समय पर बिकरी को नहीं पहुंचाया जाता है तो, इससे भंडारण में रखे प्याज की सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
🧅बनेंगे AI आधारित भंडारण केंद्र
योजना यह है कि पायलट प्रोजेक्ट के जरिए लगभग 100 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित भंडारण केंद्र की स्थापना होगी. इसके अलावा, अगले तीन सालों में और करीब 500 केंद्र जोड़े जाएंगे.
🧅स्त्रोत:- AgroStar
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