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अब सोलर एनर्जी से होगा कीट प्रबंधन, जानिए कैसे करेगा काम!
कृषि वार्ताTV9 Hindi
अब सोलर एनर्जी से होगा कीट प्रबंधन, जानिए कैसे करेगा काम!
👉गुणवत्तायुक्त फसल उत्पादन प्राप्त करने के लिए छोटे-बड़े कीटों से फसलों को दूर रखना बेहद जरूरी होता है. ऐसे में कीट नियंत्रण उपाय अपनाने बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाते हैं. इसी लिहाज से किसानों को मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने वैकल्पिक ऊर्जा प्रकाश जाल के आविष्कार के लिए NRRI को पेटेंट प्रदान किया है। 👉कीट नियंत्रण का इतिहास भी लगभग उतना ही पुराना है, जितना कृषि का. फसलों को कीटमुक्त रखने की हमेशा ही आवश्यकता रही है. बाद दिन की हो या रात की, फसलों की कीटों से निगरानी करना किसानों के लिए बहुत ही जरूरी हो जाता है. प्रकाश जाल में कीटों की निगरानी करने से किसानों को यह पता लग पाता है कि किस प्रकार के कीट खेत में मौजूद हैं और वे नियंत्रण स्तर पर हैं या नहीं। इसी साल मिला है इस उपकरण का पेटेंट:- 👉हाल के दशकों में कृषि उत्पादन प्रणाली में तेजी आने और रासायनिक कीटनाशकों के बढ़ते उपयोग के कारण जैव विविधता में गिरावट और नुकसान हुआ है. इसलिए कृषि, बागवानी और अन्य फसलों में रासायनिक कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग को कम करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक की फसल सुरक्षा प्रभाग के भूतपूर्व अध्यक्ष डॉ मायाविनी जेना तथा प्रधान वैज्ञानिक डॉ श्यामरंजन दास महापात्र द्वारा एक उन्नत सोलर आधारित वैकल्पिक ऊर्जा प्रकाश जाल का आविष्कार किया गया है। 👉डीडी किसान की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संस्थान ने 18 मार्च, 2014 को पेटेंट हासिल करने के लिए आवेदन दिया और 8 फरवरी, 2021 को पेटेंट मिल भी गया. यह ऊर्जा प्रणाली का उपयोग करके खेतों में कई प्रकार के कीटों को दूर करता है, जो भारत में अपनी ही प्रकार का पहला उपकरण है। 👉इस उपकरण की बात करें तो वैकल्पिक ऊर्जा प्रकाश जाल में एक प्रकाश जाल इकाई शामिल है, जिसमें उड़ने वाले कीटों को आकर्षित करता है. इसमें एक सोलर पैनल को बैट्री चार्ज करने के लिए लगाया जाता है. इससे इकाई को आवश्यक बिजली की आपूर्ति होती है. इसमें छोटे आकार के कीटों को अलग करने के लिए बड़े आकार के छेदों के साथ दो जाल जलाए गए हैं। कम लागत में आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं किसान:- 👉प्रकाश जाल इकाई में सेंसर भी लगाया गया है. इसी के कारण शाम को इसमें लगा बल्ब जलने लगाता है. इसमें टाइमर सेट करने की भी व्यवस्था है. किसान 4-5 घंटे का टाइम सेट कर देते हैं और इसके बाद यह अपने आप ही बंद हो जाता है। 👉यह एक कम लागत वाला उपकरण है. यह पोर्टेबल होने के अलावा सोलर एनर्जी पर चलता है. यह प्रकाश जाल आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल कीट फंसाने वाला एक उपकरण है. इसके रखरखाव में भी कोई विशेष खर्च नहीं है. सरकार द्वारा किसानों के लिए उठाए गए इस कदम से भविष्य में निश्चित ही लाभ मिलेगा। स्रोत:- TV9 Hindi, 👉 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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