कृषि वार्ताAgroStar
अब से हर महीने होगी बंपर कमाई !
🐝 मधुमक्खी पालन एक ऐसा ही व्यवसाय है जो मानव जाती को लाभान्वित कर रहा है यह एक कम खर्चीला घरेलु उद्योग है जिसमे आय, रोजगार व वातावरण शुद्ध रखने की क्षमता है यह एक ऐसा रोजगार है जिसे समाज के हर वर्ग के लोग अपना कर लाभान्वित हो सकते है। मधुमक्खी पालन कृषि व बागवानी उत्पादन बढ़ाने की क्षमता भी रखता है।
🐝 मधुमक्खी परिवार :
एक परिवार में एक रानी कई हजार कमेरी तथा 100-200 नर होते है ।
🐝 रानी :
यह पूर्ण विकसित मादा होती है एवं परिवार की जननी होती है। रानी मधुमक्खी का कार्य अंडे देना है अछे पोषण वातावरण में एक इटैलियन जाती की रानी एक दिन में १५००-१८०० अंडे देती है। तथा देशी मक्खी करीब ७००-१००० अंडे देती है। इसकी उम्र औसतन २-३ वर्ष होती है।
🐝 कमेरी/श्रमिक :-
यह अपूर्ण मादा होती है और मौनगृह के सभी कार्य जैसे अण्डों बच्चों का पालन पोषण करना, फलों तथा पानी के स्त्रोतों का पता लगाना, पराग एवं रस एकत्र करना , परिवार तथा छतो की देखभाल, शत्रुओं से रक्षा करना इत्यादि इसकी उम्र लगभग २-३ महीने होती है।
🐝 नर मधुमक्खी / निखट्टू :-
यह रानी से छोटी एवं कमेरी से बड़ी होती है। रानी मधुमक्खी के साथ सम्भोग के सिवा यह कोई कार्य नही करती सम्भोग के तुरंत बाद इनकी मृत्यु हो जाती है और इनकी औसत आयु करीब ६० दिन की होती है।
🐝 मधुमक्खियों की किस्मे : -
छोटी मधुमक्खी (एपिस फ्लोरिय)
भैंरो या पहाड़ी मधुमक्खी ( एपिस डोरसाटा)
देशी मधुमक्खी (एपिस सिराना इंडिका)
इटैलियन या यूरोपियन मधुमक्खी (एपिस मेलिफेरा)।
🐝 मधुमक्खी पालन के लिए अवश्यक सामग्री :
मौन पेटिका, मधु निष्कासन यंत्र, स्टैंड, छीलन छुरी, छत्ताधार, रानी रोक पट, हाईवे टूल (खुरपी), रानी रोक द्वार, नकाब, रानी कोष्ठ रक्षण यंत्र, दस्ताने, भोजन पात्र, धुआंकर और ब्रुश.
🐝 मधुमक्खी परिवार का उचित रखरखाव एवं प्रबंधन :-
मधुमक्खी परिवारों की सामान्य गतिविधियाँ १०० और ३८० सेंटीग्रेट की बीच में होती है उचित प्रबंध द्वारा प्रतिकूल परिस्तिथियों में इनका बचाव आवश्यक हैं। उतम रखरखाव से परिवार शक्तिशाली एवं क्रियाशील बनाये रखे जा सकते है। मधुमक्खी परिवार को विभिन्न प्रकार के रोगों एवं शत्रुओं का प्रकोप समय समय पर होता रहता है। जिनका निदान उचित प्रबंधन द्वारा किया जा सकता है इन स्तिथियों को ध्यान में रखते हुए निम्न प्रकार वार्षिक प्रबंधन करना चाहिये।
🐝 मधुमक्खी परिवार का स्थानान्तरण करते समय निम्न सुचनाए ध्यान रखें :-
➡ स्थानांतरण की जगह पहले से ही सुनिश्चित करें ।
➡ स्थानांतरण की जगह दुरी पर हो तो मौन गृह में भोजन का प्रयाप्त व्यवस्था करें ।
➡ प्रवेश द्वार पर लोहे की जाली लगा दें तथा छत्तों में अधिक शहद हो तो उसे निकल लें और बक्सो को बोरी से कील लगाकर सील कर दें।
➡ बक्सों को गाड़ी में लम्बाई की दिशा में रखें तथा परिवहन में कम से कम झटके लें ताकि छत्ते में क्षति न पहुचे ।
➡ गर्मी में स्थनान्तरण करते समय बक्सों के उपर पानी छिडकते रहे और यात्रा रत के समय ही करें।
➡नई जगह पर बक्सों को लगभग ८-१० फुट की दुरी पर तथा मुंह पूर्व -पश्चिम दिशा की तरफ रखें ।
➡ पहले दिन बक्सों की निरिक्षण न करें दुसरे दिन धुंआ देने के बाद मक्खियाँ की जाँच करनी चाहिये तथा सफाई कर देनी चाहिए।
🐝स्त्रोत:- AgroStar
किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट 💬करके ज़रूर बताएं और लाइक 👍एवं शेयर करें धन्यवाद।