समाचारAgrostar
अब किसानों की राह और भी आसान!
👉हिंदुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के बरौनी प्लांट ने भी पिछले महीने से यूरिया का उत्पादन शुरू कर दिया है.
भारत में उर्वरक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 नवंबर को तेलंगाना के रामागुंडम में उर्वरक प्लांट का उद्घाटन करेंगे. खास बात यह है कि इस परियोजना की आधारशिला पीएम मोदी ने ही 7 अगस्त 2016 को रखी थी. ऐसा माना जा रहा है कि इस प्लांट को चालू होने से भारत को यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मजबूती मिलेगी. वहीं, किसानों को भी खाद की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा.
👉 केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार बंद पड़े उर्वरक प्लांटों के पुनरुद्धार के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं. पीएम मोदी का मुख्य उदेश्य यही है कि देश भर में उर्वरक प्लांटों को दोबारा से चालू कर यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भरता को हासिल किया जा सके. इससे पहले साल 2021 में प्रधानमंत्री ने गोरखपुर उर्वरक प्लांट को राष्ट्र को समर्पित किया था, जिसकी आधारशिला भी उनके द्वारा 22 जुलाई, 2016 को रखी गई थी. यह प्लांट 30 वर्षों से भी अधिक समय से बंद पड़ा हुआ था. इस प्लांट को फिर से चालू करने के लिए केंद्र सरकार को 8600 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे.
👉2024 में चालू होने की उम्मीद है:-
वहीं, हिंदुस्तान उर्वरक एंड रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के बरौनी प्लांट ने भी पिछले महीने से यूरिया का उत्पादन शुरू कर दिया है. सरकार ने बरौनी के एचयूआरएल प्लांट को 8,300 करोड़ की लागत से दोबारा शुरू करवाया है. इसी तरह पीएम मोदी ने 25 मई, 2018 को एचयूआरएल की सिंदरी उर्वरक परियोजना के पुनरुद्धार के लिए आधारशिला रखी थी. इसे भी जल्द ही चालू होने की उम्मीद है. वहीं, 22 सितंबर, 2018 को पीएम मोदी ने तालचर उर्वरक परियोजना के पुनरुद्धार के लिए आधारशिला भी रखी थी. यह प्लांट कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकी पर आधारित है और 2024 में चालू होने की उम्मीद है.
👉यूरिया के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है:-
दरअसल, 2014 में पदभार संभालने के बाद से पीएम मोदी ने हमेशा स्वदेशी उर्वरक उत्पादन बढ़ाने और किसानों को उर्वरक की समय पर आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया है. सरकार ने स्वदेशी यूरिया उत्पादन को अधिकतम करने के उद्देश्य से मौजूदा 25 गैस आधारित यूरिया इकाइयों के लिए नई यूरिया नीति, 2015 अधिसूचित की. इसका उद्देश्य यूरिया उत्पादन में भारत की उर्जा दक्षता को बढ़ावा देना है. इसके अलावा यूरिया को लेकर सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाने के लिए भी सरकार काम कर रही है. वहीं, एनयूपी-2015 के कार्यान्वयन से मौजूदा गैस आधारित यूरिया इकाइयों से अतिरिक्त उत्पादन हुआ है, जिसके कारण यूरिया के वास्तविक उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है.
👉स्त्रोत:-Agrostar
किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवा।