गुरु ज्ञानAgrostar
अपनायें ये सलाह नहीं तो फसल होगी खराब!
🌱किसान मित्रों सोयाबीन की फसल में चक्र भृंग कीट / रिंग कटर से फसलों में होने वाले नुकसान एवं उनके रोकथाम के विषय में बात करेंगे:-
इनसे होने वाले नुकसान:-
◾सर्वप्रथम मादा पौधे के तने अथवा शाखा पर (फसल के बढ़वार के अनुसार) दो चक्र बनाती है|
◾निचले चक्र के समीप एक छिद्र बनाकर पौधे के अंदर एक हल्के पीले रंग का अंडा देती है |
◾दो चक्रों के बीच का हिस्सा खोलने पर यह अंडा स्पष्ट दिखाई देता है|
◾चक्र बनाने के कारण चक्रों से ऊपर वाले पौधे का भाग मुरझाकर सुख जाता है, जो कि चक्र भृंग होने का सूचक हैं |
◾कुछ दिनों के पश्चात अण्डे में से इल्ली निकलकर पौधे के अंदरूनी भाग को खा कर खोकला कर देती है | परिणाम स्वरुप फल्लियों की संख्या एवं पैदावार पर विपरीत प्रभाव पड़ता है |
◾पूर्ण विकसित इल्ली पौधे को अन्दर से काट कर गिरा देती है , जिससे इस भाग में लगी फलियों से किसान वंचित हो जाते हैं |
◾भूमि से लगे हुए भाग में से पुनः इल्ली अपने शरीर की लम्बाई के बराबर एक टुकड़ा काट कर उसमे पड़ी रहती है|
अनुसंधान से ज्ञात हुआ है कि जून-जुलाई में दिए गए अंडे से निकली इल्ली उसी खरीफ मौसम में शंखी(pupa) में परिवर्तित हो जाती है |
◾कुछ दिनों बाद प्रौढ बाहर निकल कर पुनः अपना जीवन चक्र प्रारंभ कर देता है किंतु सितम्बर-अक्टूबर माह में दिए गए अंडो में से निकली इल्ली, तने के खोल के भीतर ही सुषुप्तावस्था में चली जाती है, एवं अगले वर्ष वर्षा आरंभ होने पर ही शंखी में परिवर्तित हो कर अपना जीवन चक्र पूर्ण करती है |
◾इससे यह स्पष्ट होता है कि जुलाई में प्रकोप होने से सोयाबीन फसल को अधिक नुकसान होता है | ऐसा अनुमान है कि चक्र भृंग एक प्रतिशत फसल को काट कर गिरा देता है तो लगभग साढ़े पांच कि.ग्रा. उपज कम हो जाती है |
प्रबंधन -
◾बुवाई का अंतर सही रखें और पौधों की संख्या मर्यादित करे।
◾पौधों में कीट लगने के बाद 15 दिनों में दो बार, चक्र के नीचे से प्रभावित पौधा या उसके भाग को निकाल दें ।
◾यदि यह समस्या बनी रहती है तो थायमेथॉक्झाम 12.6 % + लैम्ब्डा सायहॅलोथरीन 9.5 % झेड सी @ ८० मिली/एकड़, क्लोरंट्रानिलिप्रोल 18.5% एस सी @ ६० मिली/एकड़, प्रोफेनोफोस 50% ईसी @ २०० मिली/एकड़ इस हिसाब से फसलों पर छिड़काव करें ।
🌱स्त्रोत:- AgroStar
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