गुरु ज्ञानAgrostar
अधिक तापमान से गेहूँ और चने का करें बचाव!
👉तापमान में अचानक वृध्दि के कारण इस बार गेहूँ की उपज में भारी गिरावट की सम्भावना जताई जा रही है।
👉गेहूँ की फसल को कैसे बचाए:-
◆ गेहूँ की फसलों में बाली आते समय एस्कार्बिक अम्ल के 10 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी घोल का छिड़काव करने से फसल पकते समय सामान्य से अधिक तापमान होने पर भी इसकी उपज में नुकसान नहीं पहुंचेगा।
◆ गेहूँ की फसल में बूटलीफ एवं एंथेसिस अवस्था पर पोटेशियम नाइट्रेट (13:0:45) का घोल बना कर छिड़काव करना चाहिए।
◆ गेहूँ की पछेती बोई फसल में पोटेशियम नाइट्रेट 13:0:45, चिलेटेड जिंक, चिलेटेड मैंगनीज का छिडकाव भी लाभप्रद होता है।
◆ गेहूँ में बीज भराव एवं बीज निर्माण की अवस्था पर सीलिसिक अम्ल (15 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी) के विलियन अथवा सीलिसिक अम्ल (10 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी + 25 ग्राम 100 लीटर पानी) का परणीय छिड़काव (फॉलियर स्प्रे) करना चाहिए।
◆ सीलिसिक अम्ल का पहला छिड़काव झंडा पत्ती अवस्था व दूसरा छिड़काव दूधिया अवस्था पर करने से काफी लाभ मिलेगा। सीलिसिक अम्ल गेंहू को प्रतिकूल परिस्थितियों में लड़ने की शक्ति प्रदान करता है व निर्धारित समय पूर्व पकने नहीं देता, जिससे की उत्पादन में गिरावट नहीं होगी।
👉चने की फसल को कैसे बचाए:-
◆ चने की फसल को तापमान वृध्दि से बचाने के लिए कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. जीआर मटोरिया ने बताया कि चने में फसल को पकाव के समय पोटेशियम नाइट्रेट (13.0.45) 1 किलोग्राम का 100 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल की फूल वाली अवस्था और फली वाली अवस्था पर परणीय छिड़काव करना चाहिए।
◆ सीलिसिक अम्ल का छिड़काव करने से तापक्रम में होने वाली वृद्धि से नुकसान की आशंका कम हो जाएगी व उत्पादन में वृद्धि होगी।
👉स्रोत:- AgroStar,
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