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फल से लेकर पत्ती तक बेचकर होगी बंपर कमाई!
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फल से लेकर पत्ती तक बेचकर होगी बंपर कमाई!
👉नमस्कार किसान भाइयों स्वागत है आप का एग्रोस्टार के कृषि लेख में किसान भाइयों, अश्वगंधा के फल, बीज और छाल के प्रयोग से कई प्रकार की दवाईयां बनाई जाती हैं. तनाव और चिंता को दूर करने में अश्वगंधा को सबसे फायदेमंद माना जाता है. इसकी खेती से किसान धान, गेहूं और मक्का की खेती के मुकाबले 50 फ़ीसदी तक अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं, भारतीय चिकित्सा पद्धितियों में भी इसका काफी उपयोग है 👉भारत में परंपरागत फसलों से इतर अब किसान मेडिसिनल प्लांट्स की खेती की तरफ तेजी से रूख कर रहे हैं. सरकार भी किसानों को औषधीय पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. ये फसलें नगदी होती हैं, जो किसान को बेहद कम वक्त में बढ़िया मुनाफा दे जाती है. अश्वगंधा की खेती करके भी अच्छी खासी कमाई की जा सकती है. इसकी खेती के लिए सितंबर का महीना सबसे ज्यादा उपयुक्त है. बता दें कि इसके फल, बीज और छाल का प्रयोग कर कई प्रकार की दवाइयां बनाई बनाई जाती है तनाव और चिंता को दूर करने के लिए भी इसका उपयोग किया। 👉बंपर मुनाफा:- विशेषज्ञों के अनुसार, किसान परंपरागत फसलों के मुकाबले अश्वगंधा की खेती कर 50 प्रतिशत अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. यही वजह है कि हाल के वर्षो में देखा गया है कि उत्तर भारत के किसान अश्वगंधा की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. 👉अश्वगंधा की खेती के लिए बीज की जरूरत:- अगर आप एक हेक्टेयर में अश्वगंधा की खेती करना चाहते हैं तो आपको 10 से 12 किलों बीज की जरूरत पड़ती है. ये बीज 7-8 दिनों में अंकुरण की अवस्था में आ जाते हैं. फिर इन्हें खेतों में पौधे से पौधे की दूरी 5 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 20 सेंटीमीटर लगा दिया जाता है 👉स्रोत:- Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद! "
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