AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
आम में छाछया (भभूतिया) रोग की रोकथाम!
कृषि वार्ताAgrostar
आम में छाछया (भभूतिया) रोग की रोकथाम!
👉आज के कृषि वार्ता में जानेंगे आम की फसल में छाछया (भभूतिया) रोग के लछण और उसके बचाव के बारे में। यह आम के पत्तो और पुष्प पर चूर्णी फफूंद व पाउडर के रुप में दिखाई देता है। और इस रोग के लगने से आम का उत्पादन 22-90 प्रतिशत तक कम हो जाता है तथा यह रोग उत्तर प्रदेश में दिसम्बर से लेकर मार्च के महीनों के बीच दिखाई देता है। और इस रोग का प्रकोप नयी पत्तियों पर दोनों तरफ अनियमित भूरे धब्बे दिखाई देते हैं। फूलों, फलों और पत्तियों पर सफेद चूर्ण जैसी फफूंदी उत्पन्न हो जाती है बाद में फूल सूखकर गिर जाते हैं। पत्तियाँ कुरुप दिखाई देती है और पुष्प के गुच्छों में आसमान आकृतियाँ देखने को मिलती है। 👉रोकथाम:- रोग ग्रसित पत्तियों को तोड़कर अलग कर दें। रोग रहित प्रजातियों की बुवाई करना चाहिए जैसे कि नीलम, जरदालू, जाहाँगीर तथा बंगलोरा आदि। इस रोग के नियंत्रण के लिए एग्रोस्टार का मैंडोज जिसमे कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% WP होता है इसका 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर घोल बना कर आम की फसल पर छिड़काव करें। 👉आम का कालवर्ण या एन्थ्रक्नोज़ रोग:- यह आम का सामान्य रोग है तथा भारत में इस रोग के लगने से लगभग 2-40 प्रतिशत तक उत्पादन कम हो जाता है। और यह रोग फफूंद के कारण फैलता है तथा कालवर्ण या एन्थ्रक्नोज़ रोग का मुख्य लक्षण पत्तियों पर काले धब्बे पड़ जाते हैं और बाद में फिर काले धब्बे बड़े आकार में हो जाते हैं। इस रोग के प्रकोप से कोमल पत्तियाँ, शाखायें तथा फूल, फल भी सूख जाते हैं। 👉रोकथाम:- आम के पौधे रोग रहित लगवाना चाहिए। आम के पेड़ से पत्तियाँ जो गिरती हैं उन्हे संग्रह करके मिट्टी के गड्डे में दबा देना या फिर जला दें। इस रोग के नियंत्रण के लिए एग्रोस्टार का मैंडोज जिसमे कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% WP होता है इसका 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर घोल बना कर आम की फसल पर छिड़काव करें। 👉स्त्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
8
0
अन्य लेख