गुरु ज्ञानतुषार भट
फल मक्खी के नुकसान एवं नियंत्रण के उपाय!
👉किसान मित्रों फल मक्खी फल के साथ साथ फूल पर भी नुकसान करती है। इसमें यह मक्खी फूल अवस्था में फूलो में अंडे देती है और फल की जो बढ़वार होती है उस समय यह नुकसान करती है, इसके कारण फल की बढ़वार नहीं होती और उत्पादन में भी कमी आती है। फल मक्खी की इल्ली फल को अंदर से खाती है। उससे फल पकने से पहले ही गिर जाते है। उसके बाद फल मक्खी के इल्ली के नुकसान होने से फलो में से भूरे रंग का चिपचिपा द्रव का बहता है और फल टेढ़े मेढ़े हो जाते है।
फल मक्खी से होने वाले नुकसान:-
◆फल मक्खी अंडे देने के लिए फलों में छेद करती हैं। जिससे फलों में छेद नजर आने लगते हैं।
◆कीट की इल्लियां फलों को अंदर से खाती हैं।
◆प्रभावित फलों का आकार टेढ़ा हो जाता है।
◆कीट का प्रकोप बढ़ने पर फल सड़ने लगते हैं।
◆कुछ इल्लियां फलों के साथ सब्जियों की बेल को भी खाती हैं, जिससे बेलों में गांठ बन जाते हैं।
फल मक्खी पर नियंत्रण के तरीके
◆ खेत में पौधों की रोपाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें। इससे मिट्टी में पहले से मौजूद प्यूपा नष्ट हो जाएंगे।
◆कीट को आकर्षित करने के लिए प्रति एकड़ भूमि में 5 से 6 फेरोमोन ट्रैप लगाएं और इसके ल्यूर को 25 दिन के अंतराल से बदले। ल्यूर(गंधपाश) से मादा कीट आकर्षित हो कर फंस जाती हैं। इससे फल मक्खियों की वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है।
◆प्रभावित फलों को तोड़ कर नष्ट कर दें।
◆साथ ही रासायनिक नियंत्रण के लिए डेल्टामैथ्रिन घटकयुक्त डेसिस 100 @ 1 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करे।
◆क्विनोलफोस @ 2 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करे।
◆प्रोफेनोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी घटक युक्त हेलिओक्स @ 2 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करे।
स्त्रोत:-तुषार भट,
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