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एकड़ में 75 क्विंटल तक होगी पैदावार!
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एकड़ में 75 क्विंटल तक होगी पैदावार!
🌾वैज्ञानिकों ने लांच किया यह गेहूं की प्रजाति /एकड़ में 75 क्विंटल तक होगी पैदावार:- अगर आप भी गेहूं की बुवाई से 115 दिनों के अदंर अच्छी पैदावर प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह किस्म आपके लिए बेहद लाभकारी है. 🌾किसान अपनी फसल से अधिक पैदावार प्राप्त और आय को दोगुना करने के लिए खेत में नई-नई किस्मों को उगाता रहता है. जैसे कि आप जानते हैं कि भारत के ज्यादातर किसान गेहूं की फसल सबसे अधिक उगाते हैं. क्योंकि यह फसल प्रमुख नकदी फसलों में सबसे ऊपर है. इस फसल से उन्हें कई अधिक लाभ प्राप्त होता है. 🌾आपको बता दें कि देश के वैज्ञानिकों ने गेहूं की कई ऐसी किस्में विकसित की हुई हैं, जिसे किसान को अपने खर्च से अधिक लाभ प्राप्त होता है. इन्हीं किस्मों में से एक गेहूं की पूसा तेजस किस्म भी है, जिसे इंदौर कृषि अनुसंधान केन्द्र वैज्ञानिकों के द्वारा 2016 में विकसित किया गया था. यह किस्म किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. आइए इस लेख में गेहूं के पूसा तेजस किस्म के बारे में विस्तार से जानते हैं. 🌾पूसा तेजस गेहूं की खासियत :- इंदौर कृषि अनुसंधान केन्द्र में विकसित किए गए इस पूसा तेजस गेहूं के किस्म को HI-8759 के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि यह किस्म रोटी और- बेकरी उत्पादों के साथ-साथ नूडल, पास्ता और मैक्रोनी जैसे उत्पादों के लिए सबसे उपयुक्त है. ये ही नहीं इसमें कई तरह के अन्य तत्व भी मौजूद होते हैं. जैसे कि आयरन, प्रोटीन, विटामिन-ए और जिंक जैसे पोषक तत्वों से यह भरपूर है. इसके अलावा इस किस्म में गेरुआ रोग, करनाल बंट रोग और खिरने की संभावना भी नहीं रहती है. इस किस्म की फसल में पत्तियां चौड़ी, मध्यमवर्गीय, चिकनी और सीधी पाई जाती है. बता दें कि यह किस्म मध्य प्रदेश के किसान भाइयों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं है. प्रदेश के किसान इससे कई अधिक पैदावार प्राप्त कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं. 🌾बुवाई का समय और बीज दर की मात्रा:- इस किस्म की बुवाई के लिए 10 नवंबर से लेकर 25 नवंबर का समय उपयुक्त होता है. इस दौरान किसान गेहूं के प्रति एकड़ में 50 से 55 किलोग्राम बीज, प्रति हेक्टेयर के लिये 120 से 125 किलोग्राम बीज और प्रति बीघा के मुताबिक 20 से 25 किलोग्राम बीज दर का प्रयोग खेत में कर सकता है. इस किस्म के बीज की सबसे अच्छी खासियत यह है कि इसे लगाने के बाद तकरीबन 10 से 12 कल्ले निकलती हैं. 🌾अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को बीज उपचार भी करना चाहिए. इसके फसल में कार्बोक्सिन 75 प्रतिशत, कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत 2.5-3.0 ग्राम दवा प्रति किलो बीज के हिसाब से देनी चाहिए. वहीं पौधों को कण्डवा रोग से बचाव के लिए इसमें टेबुकोनाजोल 1 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से दें और साथ ही इस किस्म के लिए पीएसबी कल्चर 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित जरूर करें. ऐसा करना से फसल में फास्फोरस की उपलब्धता में इजाफा देखने को मिलता है. 🌾पूसा गेहूं का उत्पादन :- खेत में पूसा तेजस गेहूं की बुवाई के लगभग 115 से 125 दिनों के अंदर किसान इससे 65 से 75 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म के गेहूं के एक दाने का वजन ही 50 से 60 ग्राम तक होता है. इसके दाने बेहद आकर्षक होते हैं और साथ ही यह खाने में बहुत स्वादिष्ट होते हैं. इसलिए बाजार में भी इस किस्म के गेहूं की सबसे अधिक मांग होती है. ऐसे में अगर आप अपने खेत में पूसा तेजस गेहूं का उत्पादन करते हैं, तो आप अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं. 🌾ऐसे लें बीज:- गेहूं की पूसा तेजस किस्म को किसान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, इंदौर पता: डेली कॉलेज रोड, एग्रीकल्चर कॉलेज, कृषि नगर, इंदौर, मध्य प्रदेश-452001 से प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए किसान फ़ोन: 0731 270 2921 से भी संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते है और घर बैठे भी मंगवा सकते हैं. 👉स्त्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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