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रबी फसल बुवाई से पहले मिट्टी जाँच है जरूरी!
गुरु ज्ञानतुषार भट
रबी फसल बुवाई से पहले मिट्टी जाँच है जरूरी!
किसान मित्रों खेत में लगातार रासायनिक पदार्थों और कीटनाशकों के प्रयोग से खेत की मिट्टी अपनी उर्वरक क्षमता हो रही है। ऐसी स्थिति में फसलों की पैदावार पर प्रभाव पड़ता है। उच्च गुणवत्ता की फसल और अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए मिट्टी ने मौजूद तत्वों की जानकारी होना बहुत जरूरी है। मृदा परीक्षण यानि मिट्टी की जांच करा कर किसान इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मिट्टी की जांच के फायदे , इसकी प्रक्रिया, जांच के लिए सावधानियों की जानकारी यहां से प्राप्त करें। 👉मिट्टी की जांच कब करें? ◉फसल की कटाई हो जाने के बाद अथवा परिपक्व खड़ी फसल में। ◉भूमि में नमी की मात्रा कम से कम हो। ◉फसल की बुवाई या रोपाई से एक महीना पहले खेत की मिट्टी की जांच कराएं। ◉अगर आप सघन पद्धति से खेती करते हैं तो हर वर्ष मिट्टी की जांच करवानी चाहिए। यदि खेत में वर्ष में एक फसल की खेती की जाती है तो हर 2 या 3 साल में मिट्टी की जांच करा लें। 👉मिट्टी की जांच क्यों करें? ◉सघन खेती के कारण खेत की मिट्टी में उत्पन्न विकारों की जानकारी। ◉मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्वों की उपलब्धता की दशा का बोधक। ◉बोयी जाने वाली फसल के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता का अनुमान। ◉मिट्टी में कई पोषक तत्व होते हैं। पौधों को अपने जीवन चक्र में कई पोषक तत्वों की आवश्यकता है। मुख्य तत्वों जैसे कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नत्रजन, फास्फोरस, पोठाश, कैल्सिशयम, मैग्नीशियम और सूक्ष्म तत्वों जैसे जस्ता , मैग्नीज, तांबा, लौह, बोरोन, मोलिबडेनम और क्लोरीन की संतुलित मात्रा से अच्छी पैदावार प्राप्त होती है। मिट्टी में इन तत्वों की कमी के कारण मिट्टी की उर्वरक शक्ति कम होने लगती है। 👉मिट्टी की जांच कैसे करें? ◉एक एकड़ क्षेत्र में लगभग 8-10 स्थानों से ‘V’ आकार के 6 इंच गहरे गढ्ढे बनायें। ◉एक खेत के सभी स्थानों से प्राप्त मिट्टी को एक साथ मिलाकर ½ किलोग्राम का एक सयुंक्त नमूना बनायें। ◉नमूने की मिट्टी से कंकड़, घास इत्यादि अलग करें। ◉सूखे हुए नमूने को कपड़े की थैली में भरकर कृषक का नाम, पता, खसरा संख्या, मोबाइल नम्बर, आधार संख्या, उगाई जान वाली फसलों आदि का ब्यौरा दें। 👉मिट्टी जांच के फायदे:- ◉मिट्टी की जांच करा कर किसान खेत की मिट्टी में मौजूद नाईट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश आदि तत्वों के साथ लवणों की मात्रा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ◉इससे मिट्टी के पी.एच स्तर का भी पता चलता है। ◉मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों के अनुसार फसलों का चयन करने से अधिक पैदावार होती है। ◉मिट्टी में जिन पोषक तत्वों की कमी है उन्हें पूरा कर के हम मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ा सकते हैं। स्त्रोत:-तुषार भट, किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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