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होगी मोटी कमाई !
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होगी मोटी कमाई !
📢राजस्थान सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए एक अहम फैसला लिया है. सीएम ने किसानों को अपनी खराब अथवा बंजर जमीन पर सोलर इनर्जी प्लांट लगाने में सहायता करने के लिए सौर कृषि आजीविका योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत किसान अपनी अनुपयोगी और बंजर जमीन लीज पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए दे सकते हैं. इससे उन्हें कमाई करने में सुविधा होगी. मसलन, जहां खराब जमीन से पहले उन्हें कुछ नहीं मिलता था. वहीं अब प्लांट लगने से उन्हें कुछ रकम हासिल होगी। 📢योजना के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है. जहां किसान या जमीन मालिक अपनी बेकार जमीन को लीज पर देने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. ताकि उस पर सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित हो सके. प्लांट लगाने के इच्छुक लोग उक्त किसानों द्वारा पोर्टल पर डाली गई जमीन का ब्यौरा देख सकते हैं. नियमानुसार वो सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित कर सकते हैं। प्लांट लगाने वालों को मिलेगा अनुदान - 📢सौर कृषि आजीविका योजना के जरिए सोलर इनर्जी प्लांट लगाने के लिए आसानी से जमीन मिलेगी. प्लांट लगाने वालों को पीएम कुसुम योजना के तहत केन्द्रीय अनुदान (लागत का 30 प्रतिशत) मिलेगा. प्रदेश सरकार द्वारा भूमि मालिक या किसान, डेवलपर तथा संबंधित डिस्कॉम या कंपनी के बीच त्रिपक्षीय एग्रीमेंट किया जाएगा, ताकि जमीन मालिक या किसान को जोखिम से सुरक्षा प्रदान किया जाना सुनिश्चित हो सके। पीएम कुसुम योजना के जरिए बनेगा सोलर प्लांट - 📢सीएम ने कहा कि इस निर्णय से सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ने से प्रदेश सरकार के राजस्थान को एक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकेगा. ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम होने से पर्यावरण प्रदूषण का स्तर कम होगा तथा आमजन को राहत मिलेगी. किसान खुद अपना प्लांट भी लगा सकते हैं। 📢खराब खेत में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानी पीएम कुसुम योजना के जरिए सोलर प्लांट लगाकर बिजली बेची जा सकती है. लेकिन, अब राजस्थान सरकार ने कहा है कि यदि किसान खुद सझम नहीं हैं तो वो दूसरों को प्लांट लगाने के लिए अपनी जमीन लीज पर भी दे सकते हैं। बिजली बेचने पर किसानों को क्या मिलेगा - 📢बताया गया है कि पीएम कुसुम योजना में स्थापित सोलर इनर्जी प्लांटों से पैदा बिजली के विक्रय के लिए 3 रुपये 7 पैसे यूनिट का टैरिफ तय है. यानी किसान अपने खेत में सोलर प्लांट लगाकर बिजली पैदा करे. उसे खुद भी इस्तेमाल करे और फिर बची बिजली बेच दे. सोलर प्लांट की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित विद्युत सब-स्टेशनों के लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में होगी. अनुपयोगी बंजर कृषि भूमि पर 500 किलोवॉट से 2 मेगावॉट क्षमता के प्लांट लगेंगे. इन्हें विद्युत वितरण कंपनी के चिन्हित 33/11 केवी सब-स्टेशनों से सीधे जोड़ा जाएगा। 👉स्त्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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