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अरंडी की समय पर बुवाई एवं उचित दूरी अपनाकर पाएं अधिक उत्पादन!
आज का सुझावएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
अरंडी की समय पर बुवाई एवं उचित दूरी अपनाकर पाएं अधिक उत्पादन!
अरंडी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी जहा पानी नहीं रुके, जो गहरी हो, पानी सोखने की शक्ति हो, अरंडी की जड़ो के अच्छे विकास के लिए लाभकारी होती है। अरण्डी की फसल खरीफ के मौसम में सामान्यत जून जुलाई के महीने में बोई जाती है। अरण्डी की जड़ें गहराई तक जाती है, इसलिए किसानों को एक गहरी जुताई जरूर करनी चाहिए। बीज दर और दूरी अरंडी के बीजों कि दूरी उसके बुवाई तथा बीज के आकार पर निर्भर करती है। वर्षा आधारित स्तिथि में लाइन से लाइन की दूरी 90 सेमी एवं पौधे से पौधे की दूरी 60 सेमी रखना चाहिए। और सिंचित अवस्था में फसल के लिए लाइन से लाइन की दूरी 120 सेमी एवं पौधे से पौधे की दूरी 60 सेमी की दूरी रखना चाहिए। वर्षा काल में खरीफ में बुवाई में देरी हो, तब दूरी कम रखें। बीजों के आकार के आधार पर 10 –15 किलोग्राम/हैक्टेयर बीज दर पर्याप्त है।
स्रोत:- एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस प्रिय किसान भाइयों दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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