AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
गेहूं की एमएसपी मे आयी गिरावट फिर भी बढ़ी किसानों की कमाई!
मंडी अपडेटAgrostar
गेहूं की एमएसपी मे आयी गिरावट फिर भी बढ़ी किसानों की कमाई!
👉न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर गेहूं की बिक्री करने वाले किसानों की संख्या में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है. साल 2021-22 में रिकॉर्ड 49,19,891 किसानों ने एमएसपी (MSP) पर गेहूं की बिक्री की थी, लेकिन इस साल यानी रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 में ऐसे किसानों की संख्या सिर्फ 17.85 लाख ही रह गई है. इससे अधिक संख्या तो 2016-17 में थी जब 20.46 लाख किसानों को गेहूं की एमएसपी मिली थी. हालांकि, सरकारी एजेंसियों का दावा है कि गेहूं एमएसपी के लाभार्थियों की संख्या घटने के बावजूद किसानों की कमाई बढ़ी है. आखिर ऐसा कैसे संभव हुआ? सवाल ये भी है कि जब साल दर साल एमएसपी पर गेहूं बेचने वाले काश्तकारों की संख्या में इजाफा हो रहा था तो फिर अचानक इस साल इतनी कमी कैसे आ गई? 👉किसानों ने इस बार सरकारी मंडियों में गेहूं बेचा ही नहीं. क्योंकि एमएसपी ओपन मार्केट में मिलने वाले गेहूं के रेट से कम पड़ रही थी. ऐसे में किसानों को सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचना घाटे का सौदा लगा. सरकार का दावा है कि किसानों ने मंडी से बाहर गेहूं बेचकर एमएसपी के मुकाबले ज्यादा कमाई की। गेहूं बन गया सोना:- 👉आमतौर पर ओपन मार्केट में गेहूं सरकारी दाम यानी एमएसपी से कम भाव पर बिकता है. इसलिए मंडियों में उसे बेचने वालों की मारामारी होती है. लेकिन, इस साल मार्च में हीट वेब की वजह से कम हुई पैदावार और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बदले अंतरराष्ट्रीय हालात ने गेहूं को सोना बना दिया. इसलिए व्यापारियों ने एमएसपी से ऊंचे दाम पर जमकर गेहूं खरीदा और सरकारी मंडियां सूनी रहीं. इसलिए एसएसपी पर गेहूं बिक्री करने वाले किसानों की संख्या में रिकॉर्ड गिरावट आ गई है. कई मंडियों में गेहूं 2600 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिका। गेहूं की एमएसपी के रूप में कितना पैसा मिला? 👉जब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले किसानों की संख्या कम हो गई तो फिर इसकी एमएसपी पर मिलने वाली रकम में भी भारी गिरावट होना तय था. केंद्र सरकार ने बताया है कि 2022-23 में एमएसपी पर गेहूं की बिक्री करने वाले किसानों को 37,859.34 करोड़ रुपये मिले हैं. जबकि 2021-22 में 85603.57 करोड़ रुपये मिले थे. अब तक सरकार 187.89 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है. जबकि पिछले साल यानी 2021-22 में 433.44 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था । किसानों को कुल कितना पैसा मिला? 👉इस साल भले ही किसानों ने एमएसपी पर बहुत कम गेहूं बेचा लेकिन एपिडा यानी एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी का अनुमान है कि गेहूं बेचकर किसानों की कमाई अच्छी हुई है. एपिडा के अनुसार इस बार किसानों को ओपन मार्केट में गेहूं का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से औसतन 135 रुपये प्रति क्विंटल अधिक मिला. किसानों को गेहूं का औसत रेट 2150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मिला. जबकि एमएसपी सिर्फ 2015 रुपये है। 👉अनुमान है कि 2150 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से किसानों ने गेहूं बेचकर लगभग 95,460 करोड़ रुपये कमाया है. जबकि एमएसपी पर गेहूं बिकता तो सिर्फ 89,466 करोड़ रुपये मिलते. गेहूं किसानों को एमएसपी की तुलना में 5994 करोड़ रुपये अधिक कमाई होने का अनुमान है. बता दें कि इस बार सरकार ने 444 लाख मिट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था। स्त्रोत:- Agrostar 👉किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
8
1
अन्य लेख