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इंटरनेट की मदद से शुरू की खीरे की खेती, मिल रहा है बम्पर मुनाफा!
सफलता की कहानीTV 9 Hindi
इंटरनेट की मदद से शुरू की खीरे की खेती, मिल रहा है बम्पर मुनाफा!
👉🏻खेती के क्षेत्र में युवा तकनीक की मदद से काफी बदलाव ला रहे हैं. इससे उन्हें तो लाभ मिल ही रहा है, साथ ही वे दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत भी बन रहे हैं. मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के रहने वाले युवा किसान नीरज ने खीरे की खेती से सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं. उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से खीरे की खेती के बारे में जानकारी जुटाई और इस काम में लग गए. आज वे सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपने यहां उगाएं खीरे भेज रहे हैं. इससे उनकी आय में कई गुना तक की वृद्धि हुई है। 👉🏻वैसे तो शिवपुरी जिले में टमाटर की खेती प्रचलन में है, लेकिन इससे अलग खनियाधाना के ग्राम बुकर्रा के नीरज शर्मा ने खीरे की खेती शुरू की और वह इससे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. नीरज के पास लगभग 50 बीघा खेत है. उन्होंने परंपरागत खेती से अलग कुछ नया करने का विचार किया, जिससे खेती से अच्छा लाभ कमाया जा सके, तब उन्होंने अपने खेत में पॉलीहाउस लगाया. खनियाधाना के बुकर्रा गांव के रहने वाले नीरज शर्मा के पिता और भाई पुलिस विभाग में नौकरी करते हैं लेकिन नीरज ने इससे अलग खेती में कुछ नया करने का सोचा। 👉🏻उन्होंने लगभग 33 लाख की लागत से पॉलीहाउस तैयार करवाया. उन्होंने एक एकड़ एरिया में खीरे की खेती शुरू की. इसमें उन्हें 50 प्रतिशत का अनुदान भी मिला. इसके अलावा लगभग 2 लाख 80 हजार रुपए का प्लांटिंग मैटेरियल पर भी अनुदान दिया जाएगा। खीरे की खेती से हो रहा अच्छा मुनाफा:- 👉🏻नीरज ने बताया कि वह यह बीज पुणे से लाए और यहां खीरे की खेती शुरू की. आज वह इससे अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं क्योंकि जब खीरे का सीजन नहीं है और सामान्य रूप से खीरे की खेती नहीं की जा रही है. उस समय खीरे की डिमांड होने पर हम खीरा उपलब्ध कराते हैं. इससे दाम भी अच्छा मिल जाता है. यह खीरा अन्य प्रदेश भी भेजते हैं। 👉🏻नीरज ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन जानकारी ली और पूरी योजना से अपना काम शुरू किया. आज वह खीरा निर्यात करते हैं, जिससे उन्हें अच्छा लाभ हो रहा है. आगे भी वह कुछ नयापन के साथ खेती को इसी प्रकार लाभ के धंधे में बदलने का विचार रखते हैं. जब कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने खनियाधाना भ्रमण के दौरान नीरज के खेत का भ्रमण किया तब नीरज ने अपने अनुभव साझा करते हुए अपनी सफलता की कहानी बताई. नीरज ने बताया कि उद्यानिकी विभाग द्वारा अनुदान मिलने पर उन्हें अपनी योजना को साकार करने में मदद मिली है. वह जैविक खेती के क्षेत्र में भी कुछ नया करने का विचार कर रहे हैं। स्रोत:- TV 9 Hindi, 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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