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कीट जीवन चक्रएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
सफेद मक्खी का जीवन चक्र
आर्थिक महत्व:- सफेद मक्खी विभिन्न प्रकार के फसलों को नुकसान पहुँचाती है। शिशु एवं वयस्क पौधे से रस चूसते है। यह पीला विषाणु रोग फैलते है। इस कीट के प्रभाव से 50% तक क्षति होती है। जीवन चक्र अंडा:- मादा कीट फसलों की निचली सतह पर मध्य शिरा के पास सीधे कतारों में अंडे देती है। मादा कीट अपने जीवन काल में 51 - 100 अंडे देती है। अंडे 7 से 14 दिनों में फूटते है। शिशु:- शिशु पत्तियों पर चिपक कर रस चूसकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। शिशु अपनी अवस्था में 3 बार त्वचा निर्मोचन करते है। कृमिकोष:- शिशु पूर्ण विकसित होने के बाद सर्दियों में 31 दिनों में एवं गर्मियों में 11 दिनों में प्यूपा अवस्था में बदल जाते हैं। कोषावस्था 7 दिनों की होती है। प्रौढ़:- प्रौढ़ कीट प्यूपा से निकलने के कुछ समय पश्चात मैथुन करते हैं तथा मादा दो दिन बाद अंडा देना शुरू कर देती है। यह कीट 30 दिन जीवित रहता है साल भर में इसकी कई पीढ़ियां मिलती हैं। नियंत्रण:- सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए बिफेंथ्रीन 10% ईसी @ 800 मिली 500 लीटर पानी के साथ, डायमेथोएट 30 ईसी @ 660 मिली 750 लीटर पानी, डायनोफेरॉन 20% एसजी @125-150 ग्राम 500 लीटर पानी के साथ मिलकर प्रति हेक्टयेर छिड़काव करें। नोट :- विभिन्न फसलों के अनुसार दवाइयों की मात्रा अलग अलग रहती है। स्रोत: एग्रोस्टार एग्रोनॉमी सेंटर एक्सीलेंस यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगे, तो फोटो के नीचे दिए पीले अंगूठे के निशान पर क्लिक करें और नीचे दिए विकल्पों के माध्यम से अपने सभी किसान मित्रों के साथ साझा करें।
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