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राजस्थान में 80 प्रतिशत का अनुदान!
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राजस्थान में 80 प्रतिशत का अनुदान!
👉अच्छी खेती बाड़ी और बागवानी में उन्नत बीज, खाद और सिंचाई के साथ-साथ आधुनिक कृषि यंत्रों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान है। खेती में यंत्रीकरण से उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों में बढ़ोतरी होती है, लेकिन आर्थिक स्थिति सुदृढ़ नही होने के कारण लघु एवं सीमांत किसानों के लिए उन्नत एवं महंगे कृषि उपकरण खरीद पाना संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को किराए पर सभी तरह के कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना की जा रही है। इस कड़ी में राजस्थान सरकार किसानों को लाभान्वित करने के लिए क्रय विक्रय सहकारी समितियों (के.वी.एस.एस), ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जी.एस.एस.) और कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) के माध्यम से कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित कर रही है। 👉कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए दिया जा रहा है 80 प्रतिशत का अनुदान :- राजस्थान सरकार द्वारा क्रय विक्रय सहकारी समितियों (के.वी.एस.एस) और ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जी.एस.एस.) को 10 लाख रुपये की लागत से कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना के लिए ट्रैक्टर मय कृषि यंत्रों के क्रय पर लागत का 80 प्रतिशत अधिकतम 8 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है। 👉राज्य में की गई 748 कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने बताया कि सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों को कम दर पर उन्नत कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए गत 4 वर्षों में 43 करोड़ 11 लाख रुपये की लागत से 748 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए गए हैं। राजस्थान में बजट घोषणा 2022-23 के अनुसार राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के तहत आगामी 2 वर्षों में जी.एस.एस. एवं के.वी.एस.एस के माध्यम से 1500 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। जिसमें से मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 600 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के अनुरूप अब तक 500 हायरिंग केंद्र स्थापित करने की चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 👉स्त्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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