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फॉल आर्मी वर्म की पहचान और प्रभावी नियंत्रण!
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फॉल आर्मी वर्म की पहचान और प्रभावी नियंत्रण!
■ मक्के की फसल में बुवाई से लेकर फसल की कटाई तक कई प्रकार के कीटों का प्रकोप होता है. लेकिन पिछले कई सालों से देश की कई हिस्सों में खरीफ मक्का में फॉल आर्मी वर्म का अधिक प्रकोप दिखाई दे रहा है. इसका अधिक प्रकोप होने पर फसल को एक ही रात में भारी नुकसान पहुंच सकता है. इसी वजह से इसका नाम सैनिक कीट है. कैसे पहचानें :- कीट के लार्वा के जीवन चक्र की तीसरी अवस्था तक इसकी पहचान करना मुश्किल है, लेकिन इल्ली की चौथी अवस्था में इसकी पहचान आसान से की जा सकती है. चौथी अवस्था में इल्ली के सिर पर अंग्रेजी के उल्टे ‘वाई’ आकार का सफेद निशान दिखाई देता है. लक्षण :- इस कीट के लार्वा पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाती है जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती हैं. जैसे-जैसे लार्वा बड़ा होता है, पौधों की ऊपरी पत्तियों को खाता है और बाद में पौधों के भुट्टे में घुसकर अपना भोजन प्राप्त करता है. पत्तियों पर बड़े गोल-गोल छिद्र दिखाई देते हैं. लार्वा द्वारा त्यागा मल भी पौधों की पत्तियों पर नजर आता है। फसल के लिए कीट का लारवल अवस्था हानिकारक होती है. परन्तु कीट के सम्पूर्ण नियंत्रण हेतु इसके जीवन काल की हर अवस्था को नष्ट करना जरूरी है. उपाय :- एग्रोस्टार अमेज़ -एक्स:- इस दवा मे इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी तत्व होता है, जिसका प्रयोग मक्के की फसल मे 60 से 80 ग्राम / एकड़ 150 लीटर पानी मे घोल कर प्रयोग करें, जिससे फसलों से सुंडी जैसे कीटों का समाधान हो जाएगा। ■कीटों का प्रकोप फसल पर अधिक दिखाई देने पर एग्रोस्टार का रैपीजेन का प्रयोग करें- एग्रोस्टार रैपीजेन :- इस दवा मे क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी तत्व होता है, जिसका प्रयोग मक्के की फसल मे 60 से 80 एम एल / एकड़ 150 से 200 लीटर पानी मे घोल कर प्रयोग करें.जिससे आप की फसल सुरक्षित और उपजाऊँ प्राप्त हो सके । ■स्रोत:- Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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