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पूसा डीकंपोजर की पूरी जानकारी!
कृषि वार्ताAgrostar
पूसा डीकंपोजर की पूरी जानकारी!
🌾केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा धान की पराली प्रबंधन के लिए विकसित पूसा डीकंपोजर का किसानों द्वारा बेहतर उपयोग करने के उद्देश्य से पूसा कैंपस ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें सैकड़ों किसान मौजूद थे. 60 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के माध्यम से हजारों किसान वर्चुअल भी जुड़े. पूसा संस्थान द्वारा डीकंपोजर की तकनीक यूपीएल सहित अन्य कंपनियों को ट्रांसफर की गई है, जिनके द्वारा इसका उत्पादन कर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है. 🌾पूसा डीकंपोजर से किसानों हो रहा है फायदा:- मंत्री तोमर ने कहा कि धान की पराली पर राजनीतिक चर्चा से ज्यादा जरूरी, इसके प्रबंधन और इससे निजात पाने पर चर्चा करने की है. पराली जलाने की समस्या गंभीर है, इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोप उचित नहीं है. केंद्र हो या राज्य सरकारें या किसान, सबका एक ही उद्देश्य है कि देश में कृषि फले-फूले व किसानों के घर में समृद्धि आए. पराली जलाने से पर्यावरण के साथ ही लोगों को नुकसान होता है, जिससे निपटने का रास्ता निकालना चाहिए और उस रास्ते पर चलना चाहिए. इससे मृदा तो सुरक्षित होगी ही, प्रदूषण भी कम होगा और किसानों को काफी फायदा होगा. कार्यशाला में पूसा डीकंपोजर उपयोग करने वाले, इन राज्यों के कुछ किसानों ने अपने सकारात्मक अनुभव साझा किए, वहीं लाइसेंसधारक ने भी पूसा डीकंपोजर के फायदों किसानों को बताए. 🌾कृषि मंत्री ने पराली संबंध समस्या पर चर्चा कर दिशा-निर्देश दिए:- केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के डीडीजी (एनआरएम) डा. एस.के. चौधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह ने भी कार्यशाला में संबोधित किया तोमर व पूसा आए किसानों ने प्रक्षेत्र भ्रमण करते हुए पूसा डीकंपोजर का जीवंत प्रदर्शन देखा व स्टाल्स का अवलोकन कर जानकारी ली. केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ बैठकें की- केंद्र सरकार पराली प्रबंधन के संबंध में गंभीर है और इस संबंध में सभी हितधारकों के साथ अनेक बार बैठकें की गई है. 19 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री तोमर, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव तथा पशुपालन, मत्स्यपालन एवं डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला की उपस्थिति में संबंधित राज्य सरकारों के साथ इस संबंध में चर्चा कर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. 🌾इससे पहले 21 सितंबर को भी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा तोमर की अध्यक्षता में राज्यों के साथ बैठक की गई थी. कृषि सचिव व संयुक्त सचिव के स्तर पर भी अनेक बैठकें कर राज्यों को सलाह व निर्देश दिए गए है. आज की कार्यशाला इसी श्रंखला की एक कड़ी है, जिसमें तोमर ने राज्य सरकारों, किसानों, कृषि वैज्ञानिकों को पराली प्रबंधन के लिए एक साथ शिद्दत से काम करने का आह्वान किया. 👉स्त्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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