कृषि वार्ताAgrostar
ड्रोन पर सरकार दे रही लाखों की सब्सिडी!
👉🏻ड्रोन खरीदने की प्लानिंग बना रहे किसानों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार ने एक शानदार योजना शुरू की है, जिसके तहत ड्रोन खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. खास बात यह है कि इस योजना के तहत आप पांच लाख रुपये तक का लाभ उठा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सीमांत किसान, पूर्वोत्तर राज्यों के किसान और महिला किसान ‘ड्रोन सब्सिडी योजना’ के लिए पात्र होंगे, जबकि अन्य किसान ड्रोन पर 4 लाख रुपये या इसकी लागत का 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।
👉🏻दरअसल, ड्रोन के माध्यम से किसान आसानी से अपनी फसलों पर उर्वरक और अन्य रसायनों का छिड़काव करते हैं. ऐसे में उन्हें समय की बचत होती है. साथ ही रसायनों की बर्बादी भी कम होती. ऐसे में किसानों के पास केंद्र की ‘ड्रोन सब्सिडी योजना’ के तहत ड्रोन खरीदने का शानदार मौका है. वहीं, सरकार भी चाह रही है विकसित देशों की तहर भारत के किसान भी नई- नई तकनीकों के उपयोग कर खेती करें, ताकि अधिक से अधिक उत्पादन मिले और उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो।
अपनी फसलों का रिकॉर्ड रख सकते हैं -
👉🏻बता दें कि अभ तक ज्यादातर किसान खुद ही फसलों पर कीटनाशकों और अन्य रसायनों का छिड़काव करते हैं. ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर कीटनाशकों और अन्य रसायनों से बुरा असर पड़ रहा है. वहीं, ड्रोन की मदद से रसायनों का छिड़काव कम समय में हो जाएगा और वे कीटनाशकों के समपर्क में नहीं आएंगे. साथ ही किसान घर बैठे- बैठे आराम से ड्रोन में लगे हाई रेजोल्यूशन कैमरों के जरिए अपनी फसलों की सेहत का रिकॉर्ड रख सकते हैं।
रासायनिक वेस्टेज की संभावना अधिक रहती है -
👉🏻पहले जहां 1 एकड़ भूमि में मैन्युअल रूप से रसायनों का छिड़काव करने में घंटों लग जाते थे, अब वहीं ड्रोन के माध्यम से मुश्किल से 10-15 मिनट में उस काम को कर लिया जाएगा. इससे किसानों का काफी समय बचेगा जिसका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. वहीं, मैन्युअल रूप से किए जाने वाले पानी की तुलना में ड्रोन फसलों पर छिड़काव के लिए आवश्यक रसायनों को बहुत कम पानी में पतला कर देता है. ऐसे में यह किसानों के लिए प्रभावी हो सकता है और साथ ही पानी का संरक्षण भी कर सकता है।
👉🏻वहीं, ड्रोन के माध्यम से नीचे की ओर छिड़काव न केवल रसायनों के कचरे को कम करता है बल्कि फसलों को रसायनों के अत्यधिक संपर्क से भी बचाता है. वहीं, मैन्युअल छिड़काव में मिट्टी और रासायनिक वेस्टेज की संभावना अधिक रहती है।
स्त्रोत:- Agrostar
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