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जानें, गाजर घास से जैविक खाद बनाने की तकनीक!
जैविक खेतीKrishi Jagran
जानें, गाजर घास से जैविक खाद बनाने की तकनीक!
🌱किसान भाइयों एक बेहद ही खुश करने वाली खबर आ रही है. दरअसल खेतों और मेड़ों पर उगने वाली खरपतवार गाजर घास आपके लिए एक समस्या के रूप में खड़ी रहती है. सिर्फ किसान भाई ही नहीं यह हमारे पर्यावरण के लिए भी हानिकारक होता है! 👉बारिश के मौसम में ये घास अपने आप ही जगह-जगह उग जाता है, लेकिन इसका उपयोग नहीं होने से किसान इसे काटकर खेत के बाहर फेंक देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं जिस खरपतवार को आप बेकार समझ कर काटकर फ़ेंक देते हैं, वही खरपतवार आपकी खेती के लिए कितनी लाभदायक साबित होने वाला है. जानकारी के लिए पढ़िए इस लेख को- 👉जानवरों से ज्यादा किसान जिस चीज से ज्यादा परेशान हैं, वो है गाजर घास. छोटी-छोटी पत्तियों और सफेद फूलों वाली ये घास खेती के लिए किसी जहर से कम नहीं है. इसे पशु तो खाते नहीं हैं, बल्कि ये जहां उग जाता है. वहां 20-30 फीसदी उत्पादन जरूर कम हो जाता है साथ ही कृषि की पैदावार को भी प्रभावित करते हैं. दरअसल गाजर घास का एक अनूठा उपयोग वैज्ञानिकों ने खोज लिया है, जिससे अब गाजर घास का उपयोग खेती के लिए जैविक खाद के रूप में किया जाएगा! गाजर घास से जैविक खाद बनाने की विधि - 👉गाजर घास से जैविक खाद बनाने के लिए व्यर्थ कार्बनिक पदार्थों जैसे- गोबर, सूखी पत्तियां, फसलों के अवशेष, राख, लकड़ी का बुरादा आदि का एक भाग एवं चार भाग गाजर घास को इस अनुपात में मिलाकर लकड़ी के बनाए एक डिब्बे में भरा जाता है. इस डिब्बे के चारों ओर छेद किया जाता है, जिससे हवा का प्रवाह समुचित बना रहे और गाजर घास का खाद के रूप में अपघटन शीघ्रता से हो सकें. इसमें आप रॉक फॉस्फेट एवं ट्राइकोडर्मा कवक का प्रयोग भी कर सकते हैं जिससे खाद में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाएगी. इस तरह निरंतर पानी का छिडक़ाव कर एवं इस मिश्रण को निश्चित समयांतराल में पलट कर हवा उपलब्ध कराने पर मात्र 2 महीने में गाजर घास से जैविक खाद का निर्माण किया जा सकता है! जैविक खाद में पोषक तत्वों की मात्रा- 👉जैविक खाद में नाइट्रोजन 1.05, फॉस्फोरस 10.84, पोटेशियम 1.11, कैल्शियम 0.90 तथा मैग्नीशियम 0.55 प्रतिशत पाया जाता है, जबकि केंचुआ खाद में नाइट्रोजन 1.61, फॉस्फोरस 0.68, पोटेशियम 1.31, कैल्शियम 0.65 तथा मैग्नीशियम 0.43 प्रतिशत होता है. वहीं गोबर खाद में नाइट्रोजन 0.45, फॉस्फोरस 0.30, पोटेशियम 0.54, कैल्शियम 0.59 तथा मैग्नीशियम 0.28 प्रतिशत पाया जाता है! जैविक खाद के लाभ- 👉इससे एक ओर गाजर घास का उपयोग हो सकेगा वहीं दूसरी ओर किसानों को प्राकृतिक और सस्ती खाद उपलब्ध हो सकेगी! 👉गाजर घास कम्पोस्ट एक ऐसी जैविक खाद है, जिसके प्रयोग से फसलों, मनुष्यों व पशुओं पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा! 👉जैविक खाद एक संतुलित खाद है, जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश तत्वों की मात्रा गोबर खाद से अधिक होती है. इन मुख्य पोषक तत्वों के अलावा गाजर घास कम्पोस्ट में सूक्ष्म पोषक तत्व भी होते हैं जो फसल के बेहतर उत्पादन में सहायक हैं! जैविक खाद होने के कारण यह खाद पर्यावरण के लिए पूर्णरूप से सुरक्षित है! ▪️ यह कम लागत में तैयार वाली जैविक खाद हैं! ▪️ जैविक खाद से भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती है! ▪️ इस बेकार घास से अच्छी खाद बनाई जा सकती है! ▪️ वो अच्छी कंपोस्ट की तरह काम करती है! असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सतीश कुमार आमेटा क्या कहना है- 👉उदयपुर जिले के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सतीश कुमार आमेटा ने गाजर घास से बनी जैविक खाद पर नयी शोध किया है, उनका कहना है कि जो अन्य खाद के मुकाबले इस जैविक खाद में पर्याप्त मात्रा में कार्बन और नाइट्रोजन है. जिसका अनुपात 30:1:5 है. क्योंकि फसल की अच्छी उपज के लिए इसको पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन की जरुरत होती है. यह कम समय में तैयार होने वाली खाद है. यह रसायन मुक्त खाद है. यह खाद किसान भाइयों के लिए वरदान साबित होगी! स्त्रोत:- कृषि जागरण 👉 प्रिय किसान भाइयों अपनाएं एग्रोस्टार का बेहतर कृषि ज्ञान और बने एक सफल किसान। दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक 👍 करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!
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