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क्या होती है चकबंदी?
कृषि वार्ताAgrostar
क्या होती है चकबंदी?
👉🏻चकबंदी शब्द ‘चक’ और ‘बंदी’ इन दो शब्दों से मिलकर बना है| जिसमें ‘चक’ का मतलब खेतों तथा ‘बंदी’ का मतलब बंदोबस्त करना अर्थात छोटे-छोटे भूखंडो को मिलकर एक बड़ा भूखंड या खेत तैयार किया जाता है| दरअसल चकबंदी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत किसानों के इधर-उधर बिखरे हुए खेतों को उनके आकार के आधार पर उन्हें एक स्थान पर करके एक बड़ा चक बना दिया जाता है। 👉🏻यदि किसी किसान के छोटे-छोटे खेत अलग-अलग और कुछ दूरी पर है, तो उनके अलग-अलग खेतों के आकार के आधार पर उन्हें किसी एक स्थान पर उतनी ही भूमि देना चकबंदी कहलाता है| इस प्रकार चकबन्दी एक परिवार के बिखरे हुए खेतों को एक स्थान पर करने की प्रक्रिया है, परन्तु चकबन्दी प्रक्रिया में कृषक को उसी प्रकार की भूमि मिलना संभव नहीं होता है, जैसी उनकी भूमि अलग-अलग स्थानों पर थी| चकबंदी दो प्रकार की है:- 👉🏻ऐच्छिक चकबन्दी का मतलब ऐसी चकबंदी से है, जो किसानों की सहमति अर्थात कृषकों की इच्छा पर निर्भर होती है| दूसरे शब्दों में किसानों की इच्छा से होनें वाली चकबंदी को ऐच्छिक चकबन्दी कहते है| इस प्रकार की चकबंदी करानें के लिए किसानों पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जाता है| ऐच्छिक चकबन्दी का सबसे बड़ा लाभ यह होता है, कि चकबंदी के बाद में किसानों के बीच विवाद उत्पन्न होनें की संभावना काफी कम हो जाती है| भारत में ऐच्छिक चकबन्दी की शुरुआत स्वतंत्रता से पूर्व वर्ष 1921 में पंजाब प्रान्त में सहकारी समितियों द्वारा की गयी थी| भारत में मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल में ऐच्छिक चकबन्दी कानून आज भी लागू है। 👉🏻अनिवार्य चकबन्दी को कानूनी चकबंदी भी कहते है| अनिवार्य चकबन्दी का आशय एक ऐसी प्रक्रिया से है, जिसमें किसानों को अनिवार्य रूप से चकबन्दी करानी पड़ती है। इस प्रकार की चकबंदी में काफी समय लगता है, इसके साथ ही विवाद होनें की सम्भावनायें काफी अधिक होती है| गुजरात, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश को छोड़कर नागालैण्ड, आन्ध्र प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, केरल, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और मेघालय में चकबन्दी से सम्बंधित कोई कोई क़ानून नहीं है। इन राज्यों के अलावा अन्य सबी राज्यों में अनिवार्य चकबन्दी कानून लागू है। 👉🏻चकबंदी करनें का मुख्य उद्देश्य कृषकों की विभिन्न स्थानों पर बिखरी हुई भूमि को किसी अन्य स्थान पर एक बड़े चक अर्थात खेत में परिवर्तित करना है| चकबंदी प्रक्रिया के माध्यम से किसानों के खेतों की संख्या कम होनें के साथ ही उन्हें कृषि कार्य करनें में काफी सरलता होती है| कृषकों के खेतों का आकार बड़ा हो जानें से वह कृषि संसाधनों का समुचित प्रयोग कर पाते हैं, जिसका सीधा प्रभाव कृषि उत्पादन पर पड़ता है। 👉🏻गांवों में अक्सर लोग दूसरों या कमजोर लोगो की भूमि पर अपना कब्ज़ा जमा लेते है, इसके साथ ही कुछ लोग गाँव की सार्वजनिक भूमि पर भी अवैध रूप से काबिज हो जाते है| चकबंदी होनें पर इस प्रकार की भूमि को अवैध कब्जेदारों से मुक्त करा लिया जाता है| इससे सबसे बड़ा लाभ यह है, कि किसानों के बीच विभिन्न प्रकार के आपसी विवाद कम हो जाते है| 👉स्त्रोत:- Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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